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आँखों की रोशनी बढाने और चश्मा हमेशा के लिए हटाने के सबसे तेज व असरदार घरेलु नुस्खें। The fastest and most effective Home Remedies for increasing eyesight and removing eyeglasses.


आजकल कम उम्र में ही आँखों पर चश्मा लग जाना एक सामान्य सी बात है, चश्मा लगने के सबसे प्रमुख कारण आँखों की सही से देखभाल न करना, देर तक टीवी देखना या कंप्यूटर पर कार्य करना, आहार में पोष्टिक तत्वों की कमी होना  या यह अनुवांशिक भी हो सकता है और इस  समस्या से जूझ रहे लोग यह मान लेते है की एक बार चश्मा लग जाए तो यह पूरी उम्र नहीं उतरता है, लेकिन ऐसा नहीं है की चश्मा लग जाये तो वह उतर नहीं सकता है,इनमे अनुवांशिक कारणों को छोड़कर अन्य सभी कारणों से लगा चश्मा सही देखभाल व खानपान के ध्यान रखने के साथ घरेलु उपाय अपनाकर उतारा जा सकता है।

पानी
1. प्रातः मुँह में पानी भरकर ठन्डे जल से 10-15 बार आँखों में छींटे मारे, नियमित ऐसा करते रहने से आँखे हमेशा स्वस्थ रहती है , आँखों पर कभी भी चश्मा नही लगता तथा आँखों के नीचे आये काले घेरे खत्म हो जाते है।
2. पढने से से पहले व टीवी देखने के बाद भी आप ऐसा कर सकते है, इससे आपकी आँखों की कमजोरी दूर होगी।
3. आँखों में नमी बनाये रखने के लिए अधिक से अधिक पानी व जूस का सेवन करें।
4. आँखों में यदि दर्द होता हो तो पहले उन्हें हलके गुनगुने पानी से धो लें, फिर ठन्डे पानी से धोएं। इससे आँखों का रक्त संचार बढेगा और आँखों को आराम मिलेगा।

                                                                          जल-नेति
जल-नेति आँखों के सभी प्रकार के रोगों में व चश्मा हटाने में कारगर है, इसको करने से नेत्र अधिक तेजस्वी हो जाते हैं। नेत्र-विकार जैसे आंखें दुखना, रतौंधी तथा नेत्र ज्योति कम होना, इन सारी परेशानियों का इलाज इसमें है। आँखों के साथ-साथ यह सिरदर्द, अनिंद्र, तनाव, बालों का गिरना, कान के रोगों आदि में भी लाभप्रद है।
जल-नेति करने की विधि :-
  • नेति लोटा में आधा लीटर गुनगुना पानी और एक चम्मच नमक भर लें।
  • अब आप जमीन पर उकडू बैठें।
  • कमर से आगे की ओर झुकें। नाक का जो छिद्र उस समय अधिक सक्रिय हो, सिर को उसकी विपरीत दिशा में झुकाएं।
  • अब आप नेति लोटा की टोंटी को नाक के सक्रिय छिद्र में डाल लें।
  • मुंह को खोल कर रखें ताकि आप को सांस लेने में परेशानी न हो।
  • पानी को नाक के एक छिद्र से भीतर जाने दे तथा यह दूसरे छिद्र से अपने आप बाहर आने लगेगा।
  • जब आधा पानी खत्म हो जाने के बाद लोटा को नीचे रख दें तथा नाक साफ करें। दूसरे छिद्र में भी यही क्रिया दोहराएं। 
  • समाप्त होने पर खड़े होकर 1 मिनट कपालभांति कर लें ताकि अंदर का सारा पानी बहार आ जाये व नाक को अच्छे से  साफ कर लें।
जल-नेति करने के तुरंत बाद में बादाम तेल या या गाय के शुद्ध घी का नस्य (तेल को नाक में डालना) चाहिए जिससे आँखों और मस्तिष्क को ताजगी मिलती है ।
नेति के कुछ दिनों के अभ्यास से ही आँखों की रौशनी तेज होने लगती है एवम् निरंतर कुछ माह के अभ्यास से आँखों का चश्मा भी हट जाता है।

                                                                          औषधि
100 ग्राम सौंफ,  20 ग्राम काली मीर्च, 100 ग्राम बादाम और 100 ग्राम मिश्री को मिक्सी में बारीक़ पीस लें,चारो घटकों को आपस में अच्छी तरह मिला कर औषधि तैयार कर लें। इस चूर्ण को 1-1 चम्मच सुबह-शाम दूध के साथ मात्र 15 दिनों तक सेवन करने से ही आँखों की दृष्टी बढ़ने लगती है एवम् लगातार कुछ माह के सेवन से चश्मा भी उतर जाता है।


                                                                       जैतून का तेल
रात को सोने से पहले जैतून या बादाम के तेल से आँखों के ऊपर हल्के हाथ से मसाज करें, ऐसा करने से आँखों को आराम मिलता है, आँखों की दूर होकर आँखों को ताजगी मिलती है ओर आँखें स्वस्थ रहती है, साथ ही आँखों के निचे आये काले घेरे भी इस प्रयोग से कुछ ही दिनों में खत्म हो जाते है।

                                                                        हरी सब्जियाँ
नेत्र-चिकित्सकों व विशेषज्ञों के अनुसार आँखों की कोशिकाओं व रेटिना को मजबूती प्रदान करने में Lautain तथा jexanthin नामक दो तत्वों की अहम् भूमिका होती है।
हरी साग-सब्जियों जेसे- पालक, बन्दगोभी, बथुआ, परवल, लौकी, टिंडा, तुरई, आंवला आदि में यह तत्व भरपूर मात्रा में पाया जाता है। अतः आँखों की देख- भाल व नेत्र ज्योति बढाने के लिए हरी सब्जियां, फल व डेयरी प्रोडक्ट्स का भरपूर सेवन करें।

आसन व प्राणायाम
आँखों की रोशनी बढाने के लिए रोज नित्य प्रति आसन व प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए।
नेत्र ज्योति बढाने व आँखों का चश्मा उतारने के लिए अनुलोम-विलोम प्राणायाम 30 मिनट प्रति दिन करें। यह प्राणायाम नेत्र विकारों में रामबाण इलाज है।
शीर्ष आसन, सर्वांगासन, हलासन, पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास नेत्र ज्योति को बढ़ाता है।

त्राटक क्रिया :-  किसी बिंदु पर आँखों को खोल कर एकाग्रता से जब तक देखते रहना तब तक आँखों में आंसू न आ जाये, यह क्रिया त्राटक कहलाती है।
पदमासन में बैठ कर सामने किसी भी बिंदु पर अपना ध्यान केन्द्रित करें और उस बिंदु को एकाग्रता से निरंतर देखते रहे जब तक आँखों में आंसू न आ जायें, इस क्रिया को 2 मिनट से लेकर 1 घंटा तक भी किया जा सकता है। लेकिन प्रारंभ में 2 मिनट का त्राटक ही पर्याप्त होता है जिसे धीरे-धीरे बढाना चाहिए।
त्राटक क्रिया आँखों के लिए रामबाण है जिससे आँखों की रौशनी बढती है और मात्र 25-30 दिनों के अभ्यास से ही आँखों का चश्मा उतर जाता है।
जलते हुए दीपक अथवा उगते हुए सूर्य का त्राटक आँखों के लिए अधिक लाभकारी होता है।


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2 comments:

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  2. It's really helpful post

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